बी ए - एम ए >> एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - द्वितीय प्रश्नपत्र - फैशन डिजाइन एवं परम्परागत वस्त्र एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - द्वितीय प्रश्नपत्र - फैशन डिजाइन एवं परम्परागत वस्त्रसरल प्रश्नोत्तर समूह
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एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - द्वितीय प्रश्नपत्र - फैशन डिजाइन एवं परम्परागत वस्त्र
प्रश्न- भारत के पारम्परिक चित्रित वस्त्रों का वर्णन कीजिए।
उत्तर -
भारत की पारम्परिक चित्रित वस्त्र
चित्रित वस्त्रों के दो प्रकार होते हैं रंग द्रव्य पेंट या डाई पेंट। भारत में अधिकांश रंग द्रव्य चित्रित वस्त्र राजस्थान के पिच्छवाई और फड़, ओडिशा के पाटा अनुष्ठानिक उद्देश्यों के लिए बनाई गयी पेटिंग की प्राचीन परंपराएँ हैं। इनमें कपड़े की तैयारी में उसके प्राकृतिक गुणों का दमन या नियंत्रण शामिल है। इसमें कपड़े की सांध्रता कम से कम हो जाती है जबकि इसकी ताकत और लचीलापन प्रबलित होता है। हालांकि ये कार्य वस्त्रों की तुलना में पेंटिंग के रूप में अधिक वर्गीकृत है, यही कारण है कि इन्हें प्रदर्शनी में शामिल नहीं करते हैं।
गुजरात की रोगन पेंटिंग परम्परा एक वर्णक पेंटिंग परम्परा है जो अपेक्षाकृत फारसी मूल की है। यह एक सीधी पेंटिंग तकनीकी है जहाँ खनिज रंगों से बना तेल आधारित पेस्ट अनुपचारित कपड़े की सतह पर लगाया है। रोगन पैटर्न में उभरा हुआ होता है जोकि कढ़ाई जैसा दिखाई देता है।
भारतीय उपमहाद्वीप में कम से कम तीन हजार वर्षों से डाई पेंटेड वस्त्र बनाए गए हैं। विस्तृत तकनीकी में रूपांकनों को खीचने और रंगने या रंग से रंगने से पहले मॉर्केट या फिक्सिंग एजेंटों के साथ कपड़ों की पेंटिंग शामिल है। डाई पेंट किए गए वस्त्रों में आंध्रप्रदेश से कलमकारी, गुजरात से माता नी पछेड़ी और तामिलनाडु से सिंकिनैकन पेंट और तंजावुर से कलमकारी वस्त्र शामिल हैं।
भारतीय डाई पेंट किए गए वस्त्र रंग की गहराई, जटिल डिजाइन और रंग स्थिरता के. लिये प्रसिद्ध थे और सदियों से यूरोप, अमेरिका, अफ्रीका और एशिया में दुनिया भर में निर्यात
किए गए थे। विभिन्न स्वादों और बाजारों के अनुरूप निर्मित डिजाइनों की अंतहीन विविधता भारतीय शिल्पकार के उल्लेखनीय कौशल और बहुमुखी प्रतिभा को रेखांकित करती है। डाई पेंटिंग को कभी-कभी ब्लाक प्रिंटिंग के साथ जोड़ा जाता है। जैसे मछलीपट्टनम् कलमकारी या माता नी पछेडी में। इसका कारण यह था कि ब्लाक के साथ छपायी डाई पेंटिंग की तुलना में सस्ती और तेज थी। समय के साथ ही डाई पेंटिंग की ओर एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है। इसके साथ-साथ विपरीत दिशा में एक आन्दोलन हुआ क्योंकि विशेष रूप से डाई पेंट के लिये बाजारों में वृद्धि हुई।
प्रमुख चित्र कलाएँ
फड़ राजस्थान - यह कपड़े के लम्बे टुकड़े अथवा फड़ पर की जाने वाली एक लोक चित्रकला है। यह राजस्थान के राजाओं, विशिष्ट व्यक्तियों और लोक देवताओं प्राय: पावू जी और देव नारायण की कहानियों को दर्शाती है। इसमें वनस्पति रंगों का प्रयोग करते हैं।
जैन पाटा, गुजरात, राजस्थान- यह कपड़े अथवा कागज पर की जाने वाली बड़ी और जटिल चित्रकारियाँ होती हैं जोकि जैन दर्शन और ब्रह्मांडिकी को दर्शाती हैं।
पट्ट चित्र ओडिशा पश्चिम बंगाल प्रायः यह सूती कपड़े पर की जाने वाली स्क्रॉल पेंटिंग पट्टचित्र की कला है जोकि हिन्दू पौराणिक कथाओं और लोककथाओं को दर्शाती है। इसे बनाने के लिये वनस्पति तथा खनिज रंग का उपयोग करते हैं।
पिच्छवाई राजस्थान - यह भगवान श्री कृष्ण और उनके जीवन को दर्शाने वाली कपड़े पर बनी बड़ी आकार की चित्र कलाएँ हैं। नाथ द्वार शहर में उत्पन्न पिच्छवाई को पारंपरिक रूप से श्री नाथ जी के मंदिर के लिए पर्दों और लटकने वाले अलंकरणों के रूप में बनाया जाता था। अब इनका उपयोग घरों, होटलों इत्यादि में सजावटी उद्देश्यों के लिये वाल हैगिंग के रूप में किया जाता है।
कलमकारी आंध्र प्रदेश यह हाथ से कपड़ों को चित्रित करने की कला है। इसमें कलम का उपयोग किया जाता है। परंपरागत रूप से इस कला का उपयोग मन्दिर के पर्दों, स्क्रॉल, बैनर इत्यादि बनाने के लिये किया जाता था।
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- प्रश्न- डिजाइन के तत्वों से आप क्या समझते हैं? ड्रेस डिजाइनिंग में इसका महत्व बताएँ।
- प्रश्न- डिजाइन के सिद्धान्तों से क्या तात्पर्य है? गारमेण्ट निर्माण में ये कैसे सहायक हैं? चित्रों सहित समझाइए।
- प्रश्न- परिधान को डिजाइन करते समय डिजाइन के सिद्धान्तों को किस प्रकार प्रयोग में लाना चाहिए? उदाहरण देकर समझाइए।
- प्रश्न- "वस्त्र तथा वस्त्र-विज्ञान के अध्ययन का दैनिक जीवन में महत्व" इस विषय पर एक लघु निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- वस्त्रों का मानव जीवन में क्या महत्व है? इसके सामाजिक एवं सांस्कृतिक महत्व की विवेचना कीजिए।
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- प्रश्न- अच्छे डिजायन की विशेषताएँ क्या हैं ?
- प्रश्न- डिजाइन का अर्थ बताते हुए संरचनात्मक, सजावटी और सार डिजाइन का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- डिजाइन के तत्व बताइए।
- प्रश्न- डिजाइन के सिद्धान्त बताइए।
- प्रश्न- अनुपात से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- आकर्षण का केन्द्र पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- अनुरूपता से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- परिधान कला में संतुलन क्या हैं?
- प्रश्न- संरचनात्मक और सजावटी डिजाइन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- फैशन क्या है? इसकी प्रकृति या विशेषताएँ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- फैशन के प्रेरक एवं बाधक तत्वों पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- फैशन चक्र से आप क्या समझते हैं? फैशन के सिद्धान्त समझाइये।
- प्रश्न- परिधान सम्बन्धी निर्णयों को कौन-कौन से कारक प्रभावित करते हैं?
- प्रश्न- फैशन के परिप्रेक्ष्य में कला के सिद्धान्तों की चर्चा कीजिए।
- प्रश्न- ट्रेंड और स्टाइल को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- फैशन शब्दावली को विस्तृत रूप में वर्णित कीजिए।
- प्रश्न- फैशन का अर्थ, विशेषताएँ तथा रीति-रिवाजों के विपरीत आधुनिक समाज में भूमिका बताइए।
- प्रश्न- फैशन अपनाने के सिद्धान्त बताइए।
- प्रश्न- फैशन को प्रभावित करने वाले कारक कौन-कौन से हैं ?
- प्रश्न- वस्त्रों के चयन को प्रभावित करने वाला कारक फैशन भी है। स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्रोत / सतही प्रभाव का फैशन डिजाइनिंग में क्या महत्व है ?
- प्रश्न- फैशन साइकिल क्या है ?
- प्रश्न- फैड और क्लासिक को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- "भारत में सुन्दर वस्त्रों का निर्माण प्राचीनकाल से होता रहा है। " विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- भारत के परम्परागत वस्त्रों का उनकी कला तथा स्थानों के संदर्भ में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मलमल किस प्रकार का वस्त्र है? इसके इतिहास तथा बुनाई प्रक्रिया को समझाइए।
- प्रश्न- चन्देरी साड़ी का इतिहास व इसको बनाने की तकनीक बताइए।
- प्रश्न- कश्मीरी शॉल की क्या विशेषताएँ हैं? इसको बनाने की तकनीक का वर्णन कीजिए।.
- प्रश्न- कश्मीरी शॉल के विभिन्न प्रकार बताइए। इनका क्या उपयोग है?
- प्रश्न- हैदराबाद, बनारस और गुजरात के ब्रोकेड वस्त्रों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- ब्रोकेड के अन्तर्गत 'बनारसी साड़ी' पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- बाँधनी (टाई एण्ड डाई) का इतिहास, महत्व बताइए।
- प्रश्न- बाँधनी के प्रमुख प्रकारों को बताइए।
- प्रश्न- टाई एण्ड डाई को विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- गुजरात के प्रसिद्ध 'पटोला' वस्त्र पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- राजस्थान के परम्परागत वस्त्रों और कढ़ाइयों को विस्तार से समझाइये।
- प्रश्न- पोचमपल्ली पर संक्षिप्त प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- पटोला वस्त्र से आप क्या समझते हैं ?
- प्रश्न- औरंगाबाद के ब्रोकेड वस्त्रों पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- बांधनी से आप क्या समझते हैं ?
- प्रश्न- ढाका की साड़ियों के विषय में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- चंदेरी की साड़ियाँ क्यों प्रसिद्ध हैं?
- प्रश्न- उड़ीसा के बंधास वस्त्र के बारे में लिखिए।
- प्रश्न- ढाका की मलमल पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- उड़ीसा के इकत वस्त्र पर टिप्पणी लिखें।
- प्रश्न- भारत में वस्त्रों की भारतीय पारंपरिक या मुद्रित वस्त्र छपाई का विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारत के पारम्परिक चित्रित वस्त्रों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गर्म एवं ठण्डे रंग समझाइए।
- प्रश्न- प्रांग रंग चक्र को समझाइए।
- प्रश्न- परिधानों में बल उत्पन्न करने की विधियाँ लिखिए।
- प्रश्न- भारत की परम्परागत कढ़ाई कला के इतिहास पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कढ़ाई कला के लिए प्रसिद्ध नगरों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सिंध, कच्छ, काठियावाड़ और उत्तर प्रदेश की चिकन कढ़ाई पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
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- प्रश्न- पंजाब की फुलकारी कशीदाकारी एवं बाग पर संक्षिप्त लेख लिखिए।
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- प्रश्न- बिहार की सुजानी कढ़ाई पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- सुजानी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
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